जागरूकता

 

नंबर 004 / वीजीएल / 26
भारत सरकार
केंद्रीय सतर्कता आयोग

सतरक्षा भवन, ब्लॉक ‘A’,
जीपीओ कॉम्प्लेक्स, आईएनए,
नई दिल्ली -110023
दिनांक 17 मई, 2004

कार्यालय आदेश सं0 33/5/2004

विषय: लोकहित प्रकटीकरण ऑर मुखबिर संरक्षण पर भारत सरकार का संकल्प।

भारत सरकार ने केन्द्रीय सतर्कता आयोग को भ्रष्टाचार के किसी आरोप का प्रकटीकरण करने वाले अथवा पद के दुरुपयोग किए जाने की लिखित शिकायते प्राप्त करने तथा उचित कार्रवाई की सिफ़ारिश करने के “नामित अभिकरण” के रूप मे प्राधिकृत किया है।

 

2.   उपर्युक्त संकल्प के संबंध में केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा जारी सार्वजनिक सूचना की एक प्रति संलग्न है। सभी मुख्‍य सतर्कता अधिकारी को इस संकल्प के तहत आयोग द्वारा अग्रेषित शिकायतों के संबंध में निम्नलिखित कार्रवाई करने की आवश्यकता है:

(i)   शिकायत में उठाए गए मामले के संबंध में सभी संबंधित कागजात / दस्तावेजों को मुख्‍य सतर्कता अधिकारी द्वारा प्राप्त किया जाना चाहिए और शिकायत की जांच तुरंत शुरू की जानी चाहिए। जांच रिपोर्ट दो सप्ताह के भीतर आयोग को सौंपी जानी चाहिए.

(ii)   मुख्‍य सतर्कता अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए है कि किसी भी व्यक्ति के खिलाफ किसी भी संबंधित प्रशासनिक प्राधिकारी द्वारा कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाती है।;

(iii)   ऐसी शिकायतों के आधार पर कोई भी अनुशासनात्मक कार्रवाई को करने के लिए आयोग के निर्देशों की प्राप्ति के बाद, मुख्‍य सतर्कता अधिकारी को डीए द्वारा आगे की कार्रवाई के लिए अनुपालन की पुष्टि करनी होगी और आयोग को देरी के बारे में सूचित करना होगा, यदि कोई हो.

(iv)    इस आदेश की सामग्री को सचिव/सी.ईआ./अध्‍यक्ष एवं प्रबन्‍ध निदेशक के संज्ञान में लाया जा सकता है।

सभी मुख्‍य सतर्कता अधिकारी अनुपालन के लिए उपरोक्त निर्देशों को नोट कर सकते हैं।

 

सेवा में

सभी मुख्य सतर्कता अधिकारी

 

हस्‍ता0/-
(
सुजीत बनर्जी)
सचिव

 

केंद्रीय सतर्कता आयोग

प्रेस विज्ञप्ति:
 

भ्रष्टाचार के किसी भी आरोप अथवा पद के दुरूपयोग को प्रकट किए जाने सम्बन्धों लिखित शिकायतें प्राप्त करने तथा उचित कार्रवाई की सिफारिश करने के लिए भारत सरकार ने केन्द्रीय सतर्कता आयोग को एक ‘अभिहित अभिकरण’ के रूप में प्राधिकृत किया है ।

2.   इस संबंध में आयोग की अधिकारिता केन्द्रीय सरकार के किसी कर्मचारी अथवा किसी केन्द्रीय अधिनियम द्वारा अथवा इसके अन्तर्गत स्थापित निगमों, सरकारी कम्पनी, समितियों अथवा केन्द्रीय सरकार के स्वामित्व अथवा नियंत्रणाधीन स्थानीय प्राधिकरणों के कर्मचारियों तक सीमित होगी । राज्य सरकारों द्वारा नियुक्त कर्मचारी तथा राज्य सरकारों कर्मचारियों तक सीमित होगी । राज्य सरकारों द्वारा नियुक्त कर्मचारी तथा राज्य सरकारों अथवा इसके निगमों आदि के क्रियाकलाप आयोग की अधिकारिता के अन्तर्गत नहीं आऐगें ।

(i)   शिकायत एक बन्द/सुरक्षित लिफाफे में होनी चाहिए ।

(ii)   लिफाफा सचिव, केन्द्रीय सतर्कता आयोग के नाम होना चाहिए तथा उसके ऊपर ‘’जनहित प्रकटीकरण के अन्तर्गत शिकायत’’ लिखा होना चाहिए यदि लिफाफे के ऊपर ऐसा नहीं लिखा जाता है तथा लिफाफे को बंद नहीं किया जाता है तो आयोग के लिए यह संभव नहीं है कि यह उपर्युक्त संकल्प के अन्तर्गत शिकायतकर्ता की रक्षा कर सके तथा ऐसी शिकायत पर आयोग की सामान्य शिकायत नीति के अनुसार कार्रवाई की जाएगी । शिकायतकर्ता द्वारा शिकायत के आरंभ अथवा अंत में या एक संलग्न पत्र में अपना नाम तथा पता दिया जाना चाहिए ।

(iii)   आयोग अनाम/छद्नाम शिकायतों पर कार्रवाई नहीं करता है ।.

(iv)    शिकायत का पाठ सावधानीपूर्वक तैयार किया जाना चाहिए ताकि इससे शिकायतकर्ता की पहचान के बारे में कोई विवरण अथवा सुराग न मिल सके । तथापि, शिकायत का विवरण सुस्पष्ट तथा सत्यापनीय होना चाहिए ।

(v)   व्यक्ति की पहचान सुरक्षित रखने के उद्धेश्य से आयोग कोई पावती जारी नहीं करेगा तथा शिकायतकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे स्वयं अपने हित में आयोग से आगे कोई पत्राचार न करें । आयोग ये विश्वास दिलाता है कि, यदि मामले के तथ्य सत्यापनीय है, यह आवश्यक कार्रवाई करेगा जैसा कि भारत सरकार के उपर्युक्त वर्णित संकल्प में प्रावधान किया गया है । यदि इससे आगे किसी स्पष्टीकरण की आवश्यकता होगी तो आयोग शिकायतकर्ता से सम्पर्क करेगा ।.

4.  इस संकल्प के अन्तर्गत आयोग, सोद्वेष्यदेने वाले शितंग करने वाली शिकायतें/कार्यकर्ताओं के विरूद्ध भी कार्रवाई कर सकता है।

5.   विस्तृत अधिसूचना की एक प्रति आयोग की वेबसाइट http://www.cvc.nic.in"पर उपलब्ध है ।

 

सार्वजनिक सूचना

लोकहित प्रकटीकरण एवं मुखबिर संरक्षण पर भारत सरकार का संकल्प।
 

भष्ट्राचार के किसी भी आयोग अथवा पद के दुरूपयोग को प्रकट किए जाने सम्बन्धी लिखित शिकायतें प्राप्त करने तथा उचित कार्रवाई की सिफारिश करने के लिए भारत सरकार ने केन्द्रीय सतर्कता आयोग को एक ‘अभिहित अभिकरण’ के रूप में प्राधिकृत किया है ।

2.   इस संबंध में आयोग की अधिकारिता केन्द्रीय सरकार के किसी कर्मचारी अथवा किसी केन्द्रीय अधिनियम द्वारा अथवा इसके अन्तर्गत स्थापित निगमों, सरकारी कम्पनी, समितियों अथवा केन्द्रीय सरकार के स्थामित्व अथवा नियंत्रणाधीन स्थानीय प्राधिकरणों के कर्मचारियों तक सीमित होगी । राज्य सरकारों द्वारा नियुक्त कर्मचारी तथा राज्य सरकारों अथवा इसके निगमों आदि के क्रियाकलाप आयोग की अधिकारिता के अन्तर्गत नहीं आऐगें ।

3.   इस संबंध में, आयोग जोकि ये शिकायतें प्राप्त करेगा, की जिम्मेदारी है कि यह शिकायतकर्ता की पहचान गुप्त रखेगा। अत: जनसाधारण को यह सूचित किया जाता है कि इस संकल्प के अन्तर्गत की जाने वाली कोई भी शिकायत निम्नलिखित पहलुओं का अनुपालन करते हुए दी जानी चाहिए ।

(i)   शिकायत एक बन्द/सुरक्षित लिफाफे में होनी चाहिए ।

(ii)   लिफाफा सचिव, केन्द्रीय सतर्कता आयोग के नाम होना चाहिए तथा उसके ऊपर ‘’जनहित प्रकटीकरण के अन्तर्गत शिकायत’’ लिखा होना चाहिए यदि लिफाफे के ऊपर ऐसा नहीं लिखा जाता है तथा लिफाफे को बंद नहीं किया जाता है तो आयोग के लिए यह संभव नहीं है कि यह उपर्युक्त संकल्प के अन्तर्गत शिकायतकर्ता की रक्षा कर सके तथा ऐसी शिकायत पर आयोग की सामान्य शिकायत नीति के अनुसार कार्रवाई की जाएगी । शिकायतकर्ता द्वारा शिकायत के आरंभ अथवा अंत में या एक संक्षग्न पत्र में अपना नाम तथा पता दिया जाना चाहिए ।

(iii)   आयोग अनाम/छद्नाम शिकायतों पर कार्रवाई नहीं करता है ।

(iv)   शिकायत का पाठ सावधानीपूर्वक तैयार किया जाना चाहिए ताकि इससे शिकायतकर्ता की पहचान के बारे में कोई विवरण अथवा सुराग न मिल सके । तथापि, शिकायत का विवरण सुस्पष्ट तथा सत्यापनीय होना चाहिए ।.

(v)   व्यक्ति की पहचान सुरक्षित रखने के उद्धेश्य से आयोग कोई पावली जारी नहीं करेगा तथा शिकायतकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे स्वयं अपने हित में आयोग से आगे कोई पत्राचार न करें । आयोग ये विश्वास दिलाता है कि, यदि मामले के तथ्य सत्यापनीय है, यह आवश्यक कार्रवाई करेगा जैसा कि भारत सरकार के उपर्युक्त वर्णित संकल्प में प्रावधान किया गया है । यदि इससे आगे किसी स्पष्टीकरण की आवश्यकता होगी तो आयोग शिकायतकर्ता से सम्पर्क करेगा ।

4.  इस संकल्प के अन्तर्गत आयोग, शिकायत के लिए उकसाने वाले, शिकायतकर्ताओं के विरूद्ध भी कार्रवाई कर सकता है ।

5.   विस्तृत अधिसूचना की एक प्रति आयोग की वेबसाइट एचटीटीपी.http://www.cvc.nic.in" पर उपलब्धी है ।

केन्‍द्रीय सतर्कता आयोग, आई.एन.ए., सतर्कता भवन, नई दिल्‍ली द्वारा जनहित में जारी ।

 

हस्‍ता0/-

सुजीत बनर्जी

सचि

 


वरिष्ठ कार्यकारी की चतुर्थ सतर्कता मंजूरी (ई -5 और इसके बाद के संस्करण)  
   

सतर्कता मामले (केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो के अधीन मामलों सहित)

 

30.06.2021 तक स्थिति
प्रारंभिक शेष  प्राप्ति कुल निपटान किए गए शेष
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सतर्कता विभाग में प्राप्ते शिकायतें

30.06.2021 तक स्थिति
प्रारंभिक शेष प्राप्ति कुल निपटान किए गए शेष
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